योग मानव शरीर पर कैसे प्रभाव डालता है?

श्वसन तंत्र पर योग का प्रभाव

योग के नियमित अभ्यास से श्वसन तंत्र पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं: श्वसन प्रक्रिया का नियमन, श्वास की दर में कमी, डायाफ्राम और मांसपेशियों को मज़बूत बनाना2

मूत्र प्रणाली पर योग का प्रभाव

नियमित योगाभ्यास से मूत्र प्रणाली पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं: बेहतर कार्यप्रणाली; गुर्दे संबंधी विकारों से सुरक्षा

पाचन तंत्र पर योग का प्रभाव

योग के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं: पाचन तंत्र को नियंत्रित करता है, भूख बढ़ाता है, कब्ज दूर करता है

तंत्रिका तंत्र पर योग का प्रभाव

तंत्रिका तंत्र आंतरिक और वायुमंडलीय परिवर्तनों के बीच समायोजन लाता है। योग का नियमित अभ्यास तंत्रिका तंत्र पर निम्नलिखित तरीकों से प्रभाव डालता है: न्यूरॉन्स को मज़बूत और सक्रिय करना, मानसिक क्षमता में सुधार, भावनाओं और क्रियाओं के बीच संतुलन, पार्किंसंस रोग, तंत्रिका दुर्बलता आदि का उपचार|

अंतःस्रावी तंत्र पर योग का प्रभाव

अंतःस्रावी तंत्र पर योग के प्रभाव इस प्रकार हैं: ग्रंथियों को उचित मात्रा में हार्मोन स्रावित करने और रक्त में उनके उचित स्तर को बनाए रखने में मदद करता है, चयापचय को स्वस्थ बनाता है, उम्र के अनुसार शरीर की वृद्धि और विकास में मदद करता है।